ਨਹੀਂ ਵੇਖੀ ਹੋਵੇਗੀ ਅਜਿਹੀ ਭਿਆਨਕ ਠੰਡ , ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਜਮ ਗਏ ਸ਼ਾਰਕ ਅਤੇ ਕਛੁਏ , ਦਰੱਖਤਾਂ ਤੋਂ ਟਪਕ ਰਹੀਆਂ ਛਿਪਕਲੀਆਂ !

ਨਹੀਂ ਵੇਖੀ ਹੋਵੇਗੀ ਅਜਿਹੀ ਭਿਆਨਕ ਠੰਡ , ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਜਮ ਗਏ ਸ਼ਾਰਕ ਅਤੇ ਕਛੁਏ , ਦਰੱਖਤਾਂ ਤੋਂ ਟਪਕ ਰਹੀਆਂ ਛਿਪਕਲੀਆਂ !
इन दिनों सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देश भयंकर ठंड की चपेट में है।
लेकिन शायद ही आज तक आपने ऐसी भयंकर ठंड देखी होगी। अमेरिका में इस साल ठंड ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस भयंकर ठंड में आम इंसान तो क्या जानवर भी जमने लग गए हैं। बर्फबारी का आलम ये है कि सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों के शीशे तक भयंकर ठंड के कारण चटक रहे हैं।

फ्लोरिडा में ठंड के मारे आइग्वान (छिपकली की प्रजाति) इन दिनों खुद-ब-खुद पेड़ों से गिर रही हैं। अमेरिकी नैशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, दक्षिणी फ्लॉरिडा में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा है। इतना तापमान इन छिपकलियों को गतिहीन करने के लिए काफी है। स्थानीय लोगों और समाचार एजेंसियों ने इंटरनेट पर कई तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिनमें ये छिपकलियां जमीन, सड़क और स्विमिंग पूल के पास उल्टी पड़ी दिख रही हैं।

फ्लोरिडा फिश ऐंड वाइल्डलाइफ कंसरवेशन कमिशन के क्रिस्टन सॉमर्स ने बताया कि ठंडे खून वाले ये जीव मूल रूप से मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं और तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरते ही ये सुस्त पड़ने लगते हैं।

क्रिस्टन सॉमर्स के मुताबिक अगर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरता है तो आइग्वानों का शरीर जमने लगता है।सॉमर्स ने बताया कि लोगों को इन जमे हुए आइग्वान से दूर रहने को कहा गया है क्योंकि ये मरे नहीं हैं। जैसे ही इन छिपकलियों को गर्मी मिलेगी ये काट भी सकते हैं। ये हरे आइग्वान ही ऐसे नहीं जो अमेरिका की सर्दी में जम गए हैं।

अमेरिका की रेकॉर्ड तोड़ सर्दी ने शार्क, समुद्री कछुओं तक को भी जमा दिया है। अमेरिका में आए बॉम्ब चक्रवात की वजह से ठंड अपने चरम पर पहुंच गई है। एक तरफ आइग्वान पेड़ों से गिर रहे हैं तो दूसरी तरफ ठंड से शीशे तक चटक रहे हैं।

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