यदि हर तस्वीर एक कहानी समेटे होती है. यह वृद्ध जोड़े की तस्वीरें भी एक कहानी कहती हैं जाे बसंती बयार में गुलशन की तरह खिलते हैं। 1973 में दंपति के मन में अपने प्रेम को फोटाेग्राफी के जरिए सहेजने का विचार अंकुरित हुआ। तक से वे साल के सभी मौसमों में अपने बाग के सामने तस्वीरें लेने लगे। वर्षा ऋतु हो या बसंत, गर्मी के दिन हों या सर्दी के, सभी मौसमों को अपना साक्षी बनाते दंपति ने अपने प्यार को प्रगाढ़ किया है।
If every picture is a story, Photos of this elderly couple also tell a story, “Let’s blossom like Gulshan in Basanti Bay.” In 1973, the idea of saving his love through the photographi in the mind of the couple was germinated. By the time they started taking pictures in front of their garden in all seasons of the year. Due to rainy season or spring, summer day or winter, having witnessed all the seasons, the couple has strengthened their love.
यह तस्वीर पत्रकार केन ग्रिफिथ्स (Ken Griffiths) ने 1973 में उस वक्त ली जब दंपति ने मौसमी तस्वीरों की परम्परा शुरु ही की थी। हालांकि इस प्यार की परम्परा की आखिरी तस्वीर करुणामयी है…आप भी देखें कैसे।
This photo journalist Ken Griffiths took the lead in 1973 when the couple started the tradition of seasonal photos. Although the last picture of this love is compassionate … you also see how.
If every picture is a story, Photos of this elderly couple also tell a story, “Let’s blossom like Gulshan in Basanti Bay.” In 1973, the idea of saving his love through the photographi in the mind of the couple was germinated. By the time they started taking pictures in front of their garden in all seasons of the year.
This photo journalist Ken Griffiths took the lead in 1973 when the couple started the tradition of seasonal photos. Although the last picture of this love is compassionate … you also see how.
This photo journalist Ken Griffiths took the lead in 1973 when the couple started the tradition of seasonal photos. Although the last picture of this love is compassionate … you also see how.
यदि हर तस्वीर एक कहानी समेटे होती है. यह वृद्ध जोड़े की तस्वीरें भी एक कहानी कहती हैं जाे बसंती बयार में गुलशन की तरह खिलते हैं। 1973 में दंपति के मन में अपने प्रेम को फोटाेग्राफी के जरिए सहेजने का विचार अंकुरित हुआ। तक से वे साल के सभी मौसमों में अपने बाग के सामने तस्वीरें लेने लगे।
यह तस्वीर पत्रकार केन ग्रिफिथ्स (Ken Griffiths) ने 1973 में उस वक्त ली जब दंपति ने मौसमी तस्वीरों की परम्परा शुरु ही की थी। हालांकि इस प्यार की परम्परा की आखिरी तस्वीर करुणामयी है…आप भी देखें कैसे।
मौसम बदलते रहे, प्यार बरकरार रहा
मेरी छतरी के नीचे आ जा…वृद्ध दंपति ने बारिश में भी अपने प्यार की परम्परा को जारी रखा
The weather is changing, love remains intact.
Come under my umbrella … the old couple continued their tradition of love in the rain
यह तस्वीर अधूरी लगती है…जैसे चांद से नूर गायब हो गया हो…रांझा से हीर बिछड़ गई हो…मजनूं से लैला दूर चली गई हो…
This picture seems incomplete … like the moon has disappeared from the moon … the diamond has been separated from the Ranjha … lanes have gone away from Majnun …
बेशक उनकी मीठी सी मुस्कान हमेशा के लिए चली गई है, लेकिन उनका प्यार अब भी हृदय में जिंदा है।